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Adhuri Pyar : अधूरी प्यार

[10:24 am, 25/07/2023]

सीखा नाम की एक गरीब लड़की जो अपनी घर परिवार चलाने केलिए एक सब्जी का दुकान लगाया है अपनी घर की पास एक बजार में | सीखा घर का बड़ी बेटी है ,उसका एक छोटा बहन है ,जो 6 क्लास में पढ़ता है | सीखा की मां घर पर रहते है ,कहां काम दाम करने के लिए नही जाते है क्यों की सीखा की बाबा को पैरालिसिस है | सीखा की बाबा का ख्याल रखने केलिए सीखा की मां घर पर रहते है | सीखा की बाबा की छोटा मोटा जो नौकरी था उसमे घर ठीक ठाक चल रहा था | लेकिन जब से सीखा की बाबा पैरालिसिस में पड़े है तब से घर चलना मुश्किल होगया है |

 

सीखा कॉलेज में पढ़ रहा था ,घर की हालत देख कर सीखा सब्जी की छोटा सा दुकान लगाया | सब्जी भेज कर सीखा जितना भी रोजगार करता था उसमे घर ऐसे तैसे चल तो जाता था | लेकिन सीखा और उसकी मां दिन में एक वक्त का खाना नही खाते थे ,सीखा जितना भी पैसा लता था सब्जी भेज कर सारे सीखा की बाबा की मेडिसिन में चला जाता था |

 

दिन बा दिन बीत गया और सीखा भी बहुत ही परीशान होने लगा | एक दिन सीखा बजार में सब्जी भेज रहा था ,एक अनजान लड़का सीखा को देख लिया | वो अनजान लड़का को सीखा अच्छा लगा | वो अनजान लड़का सीखा से बात करने केलिए सब्जी खरीदना बहाना बनाकर सीखा की पास गया |

 

सीखा ने बोला क्या सब्जी चाहिए ,वो अनजान लड़का ने सीखा को सिर्फ चाहता रहता था | सीखा ने गुस्से में बोला वो साहब सब्जी खरीदना है तो खरीदो नही तो यहां से चले जाओ | वो अनजान लड़का ने बोला नही नही मुझे सब्जी नही चाहिए | सीखा ने बोला सब्जी की दुकान में आपको क्या चाहिए ,वो अनजान लड़का ने बोला मुझे तुम चाहिए | सीखा गुस्सा हो कर बोला अब यहां से जाओगे या में लोगो को बुलाऊंगा | वो अनजान लड़का ने बोला बोला नही किसीको बुलाना मत में यहां चला जाता हूं | जाने की वक्त वो लड़का ने बोला तुम मुझे अच्छा लगा इसलिए बोला तुम चाहिए तुमको प्यार करता हूं | ये बात बोल कर दुकान से वो लड़का चला गया | लेकिन सीखा को थोड़ा अजीब लगा ,सीखा ने सोचा लड़का देखने में अमीर घर का लगता है फिर मुझे कैसे प्यार किया में तो सब्जी भेजता हूं वो भी देखा फिर भी |

 

साम होगया हर दिन की तरह सीखा सब्जी भेज कर घर आया ,लेकिन आज उसका मन अच्छा नही था थोड़ा अजीब गरीब का था | बहन की साथ आते ही मस्ती करता था और बाबा का तबियत कैसा है देखता था | लेकिन आज क्या होगया है सीखा को आते ही गुमसुम हो कर कमरे में चला गया सोने केलिए | सीखा की छोटी बहन की नाम सिया है ,सिया ने उसकी मां को बोला मां दीदी का क्या हुआ है आज आते ही सोने चला गया | सीखा की मां ने बोले आज थोड़ा ज्यादा मेहनत हुआ है दीदी को सब्जी भेजने में ,बहुत थक गया है इसलिए आज आते ही सोने चला गया | सीखा की मां ने बोले सिया तू भी सो जा ,कल दीदी तेरे से बात करेगा अच्छे से | सिया ने खाना खाया था इसलिए वो सोने लगा ,हर दिन की तरह सीखा की मां और सीखा खाना नही खाते है रात में | सीखा की मां ने सोचा सीखा को क्यों बुलाऊंगा खाना तो नही खाएगा ,आज भी ज्यादा मेहनत करा है लगता है थोड़ा आराम भी करने दू बची को कितना मेहनत करता है |

 

सीखा ने रात भर सिर्फ वो अनजान लड़का की बारे में सोचा ,वो लड़का तो अमीर है उसकी पास कार था और अच्छा कपड़ा भी पहना था कैसे वो मुझे पसंद किया | सीखा ने धीरे धीरे सोचा प्यार तो गरीब अमीर देख कर नही होता है ,जो सच्ची प्यार होता है वो किसके साथ भी होजाता है | ये बात सोच कर सीखा थोड़ा मुस्कराया और बहुत देर की बाद वो सीखा को नींद लगा वो सो गया |

 

सुभा उठा तो सीखा की मां और सिया दोनो ने देखे सीखा अब हस रहा है ,ज्यादा खुस लग रहा है | ये देखकर सीखा की मां ने बोला सीखा क्या बात है काल रात को जब आया था घर इतना खामोशी था ,और आज सुभा से ही इतना खुस है | सीखा ने मुस्कुराते ही बोला कुछ नहीं मां कल थोड़ा ज्यादा गर्मी हो रहा था और जायदा भी सब्जी नही बिके इसलिए | सीखा ने सिया को पपी किया और मां को पपी किया और बाबा की आशीर्वाद ले कर हर दिन की तरह दुकान चला गया | अभी सिया और सीखा की मां दोनो खुस होगए |

 

अब सीखा दुकान में सब्जी भेज रहा था ,सीखा ने सोचा था वो लड़का फिर आएगा लेकिन बहुत समय होगया लेकिन वो लड़का नही आया | तब सीखा ने सोचा में इतना खराब करके बोला तो इसलिए वो लड़का नही आ रहा है | सीखा भी खुद को दोषी सोच कर बोला जो भी मैं किया अच्छा नही किया ,इतना तेज से वो लड़का को गाली नही देना था | सीखा की मन सब्जी भेजने में नही वो लड़का की ऊपर था |

 

तब वोही कार जिस कार में वो अनजान लड़का आया था वो कार आकर सीखा की दुकान की सामने रुका ,वो कार को देखकर सीखा खुशी होने लगा | सीखा ने सोचा वो अनजान लड़का फिर से आया है | तब वो कार से एक लड़का बाहर आया ,सीखा ने देखा की वो लड़का नही है जो कल आया था | सीखा खुशी था धीरे धीरे खामोशी होगया | वो कार से जो बाहर निकाल था लड़का वो लड़का ने बोला बहन मुझे सब्जी चाहिए |

 

सीखा की मन नहीं था सब्जी भेजने में ,सीखा ने बोला जी भईया बोलो कौनसा सब्जी लेना है | वो लड़का ने बोला मुझे टमाटो , गाजर, फुलगोबी,चूकेदर दीजिए | सीखा ने बोला ठीक है सब सब्जी से 500 ग्राम का दे देता हूं | वो लड़का ने बोला ठीक है दे दीजिए |

 

जब वो लड़का सब्जी लेने की बाद सीखा को बोला बहन कितना हुआ | सीखा ने बोला 200 रुपिया हुआ भईया | तब वो लड़का सीखा को 500 वाली नोट दिया ,सीखा जब बाकी की पैसा वापस करने केलिए 300 रुपिया लाने केलिए दुकान की अंदर गया तो तब वो लड़का गाड़ी ले कर वहां से चला गया |

 

सीखा जब दुकान की बाहर आ कर देखा तो वो लड़का नही था और उसकी कार | सीखा परीशान में पड़ गया ,सीखा कभी किसीका पैसा बाकी नही रखा है | सीखा ने सोचा बाकी की पैसा कैसे वो भईया को दू | तब सीखा की नजर पड़ा वो 500 की नोट पर ,जो नोट अभी वो भईया ने सीखा को दे कर गए है |

 

सीखा ने दुकान की अंदर आया और देखा वो 500 की नोट में कुछ लिखा है | सीखा ने पढ़ा क्या लिखा है वो 500 की नोट में | नोट पे लिखा था में आपको पहली नजर से प्यार करता हूं ,में आपकी गरीब को नही देखा हूं ,में आपको हमेशा खुस रखूंगा | और लिखा वो नोट पर में मानता हूं मेरा गलती है आपसे ऐसे सीधा प्यार करता हूं बोलने का उसके लिए माफी मांगता हूं ,में आपको प्यार करता हूं में आपकी मजबूरी का फायदा नही ले रहा हूं | और लिखा था में गाड़ी की पीछे की सीट पे बैठा था ,मुझे यकीन है काल तुम मुझे मना कर दिया था लेकिन आज मना नही करोगे | और लिखा था मेरी इस दुनिया में कोई नही है , इसलिए सोचा है तुम मेरी दुनिया हो कर रहोगे |

 

ये सब सुन कर सीखा बहुत खुशी होगया ,खुशी से रोने लगा सीखा | तब सीखा ने सोचा नोट वापस करने केलिए जाऊंगी तो उनको ह बोल दूंगी,मेरी मन की बात | सीखा ने सोचा उनकी ठिकाना तो लिखा नही नोट पे और मुझे भी पता नही उनकी ठिकाना | तब वो नोट की पीछे में क्या लिखा सीखा ने नोट को मोड़ कर पढ़ा जो लिखा था नोट्स की पीछे |

 

नोट्स की पीछे में वो अनजान लड़का का ठिकाना लिखा था ,ये देख कर सीखा बहुत ही खुशी होगया | फोन नंबर भी लिखा था वो नोट्स की पीछे में लेकिन सीखा ने सोचा नही में 500 नोट वापस करने केलिए जाऊंगी और उनको सरप्राइज दूंगी ,ये सब ये नोट्स की वजह हुआ है इसलिए नोट्स वापस करने केलिए जाऊंगी |

 

तब सीखा ने निकल पड़ा वो ठिकाना ढूंढने केलिए ,सीखा एक ऑटो में जा रहा था वो अनजान लड़का की ठिकाना पर ,और बहुत ही खुस था सीखा जैसे सीखा को पहली बार जीवन में ऐसे खुशी कोई दिया है | रास्ते में सीखा जो ऑटो में जा रहा था वो ऑटो की एक्सीडेंट होगया |

 

सीखा रस्ते की ऊपर पड़ा था उसकी पीछे की शर टूट चुका था और उसकी मृत्यु भी होगया था | लेकिन सीखा की हाथों में वोही 500 को नोट्स था |

 

कुछ महीना होगया वो अनजान लड़का सीखा की इंतजार किया था लेकिन सीखा की कोई फोन नही आया की सीखा भी खुद नही आया | तब वो अनजान लड़का ने सोचा सैयद वो लड़की मुझे पसंद नही करता है ,वो अनजान लड़का खामोशी से रहे गया …………..

Writter – Pranav

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