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Hindi Kahaniyan 01 : लालची दूध वाला की कर्म

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Hindi Kahaniyan 01 : नमस्ते दोस्तो मेरा नाम प्रणब है, में इस वेबसाइट का मालिक भी हूं । में पहले अलग अलग रकम की जैसे हत्या, भूत, संपति जैसे कई हिंदी स्टोरीज लाया करता था, लेकिन आज से आपके लिए हिंदी में छोटी छोटी इंटरेस्टिंग Hindi Kahaniyan लाने बाला हूं । अब जो मेरी Hindi Kahaniyan रहेगी इसे बचे से बूढ़ा आदमी तक हर कोई पढ़ कर मनोरंजन कर सकता है । मेरी ये न्यू सीरीज सिर्फ समाज को अच्छी शिक्षा देने वाली है । तो चलिए देर किस बात की आज आपके लिए एक छोटी इंटरेस्टिंग Hindi Kahaniyan लाया हूं जिसका नाम है “लालची दूध वाला की कर्म” ।

Hindi Kahaniyan : लालची दूध वाला की कर्म

एक गांव था जिसका नाम मदनपुर । मदनपुर गांव में एक दूध वाला था जिसका नाम रमेश । रमेश बहुत ही मेहनत वाला था । सुभा से रात तक रमेश कर्म करता था । रमेश के पास 2 गाय, रमेश वो 2 गाय की दूध को बेच कर उसकी परिवार को चलाता था । दिन तमाम रमेश गाय के लिए कहां से कहां जा कर अच्छा घास लता था । दिन तमाम रमेश गाय की ख्याल रखता था और सुभा सुभा रमेश साइकिल से दूध ले कर सहर चला जाता था ।

रमेश सहर में दूध बेच कर अच्छा खासी पैसा भी रोजगार कर लेता था । जितना पैसा होता था उसमे उसकी परिवार की साथ वो खुश भी था । ऐसे दिन बढ़ता गया और रमेश की मेहनत में अच्छा फल भी मिलता गया । रमेश दिन बा दिन दूध बेच कर बड़ा आदमी होने लगा । लेकिन रमेश के पास पैसा तो बहुत होगया लेकिन वो कभी नही चाहता था की बड़ा घर करके अमीर लोगों के जैसे रहने के लिए । वो खुश था उसकी मिट्टी की घर में ।

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एक दिन रमेश की पत्नी पूजा ने रमेश को बोला : –
पूजा : तुम मेरे लिए एक सोना का हार सहर से लाइए
रमेश : ये क्या बोल रहे हो तुम सोना का हार फिर में
पूजा : तो क्या हुआ ? पहले हमारे पास पैसा नही था, लेकिन अब तो अच्छा खासी पैसा होगया है हमारे पास
रमेश : तुम क्या चाहते हो हमारे पास पैसा होगया तो क्या हम लोगों को दिखाएंगे ये देखिए हमारे पास इतना पैसा है
पूजा : क्या दिखाएंगे पैसा थोड़ी ना बोल रहा हूं लोगों को देखने केलिए, में तो बोल रहा हूं एक सोना का हार मेरे लिए लाइए
रमेश : वोही सोना का हार तुम पहनाओगे तो क्या लोगों को दिखाई नही देगा
पूजा : तुम चाहते हो की में कभी सुना की हार नहीं पहनाऊंगा
रमेश : ऐसे में कब बोला, देखो हमारे पास थोड़ा पैसा होगया है अब हमको एक घर बनाना है उसके बाद धीरे धीरे तुम्हारे लिए जो चाहिए खरीद लूंगा । और अचानक सुना की हार तुम्हारे गले में लोगों देखेंगे तो लोग हमारे उपर शंका करेंगे । मुझे अब और दो गाय खरीद कर लाना है उसके लिए भी पैसा चाहिए
पूजा : तुम हमेशा ऐसे ही गरीब हो कर रह जाओगे और तुम्हारे साथ हमको भी गरीब बना कर रखोगे

पूजा की बात पर रमेश को चोट लगा । रमेश सोचा पूजा सही बात बोल रहा है पैसा तो होगया है फिर कभी उसको खुशी दिलाऊंगी । ये बात सोच कर रमेश जो पैसा रखा था गाय खरीद कर लाने केलिए वो पैसा को लेकर निकल पड़ा सहर को । रमेश सहर में पहुंच कर एक सोना की शोरूम की अंदर जाने लगा । रमेश सुना की शोरूम से एक सोना की हार खरीद कर गांव चला आया । रात को रमेश वो सोना की हार को पूजा को दिया । पूजा सोना की हार को देख खुस होगया । तुरंत पूजा वो सोना की हार को पहना लिया गले में ।

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अगले दिन…….
पूजा सोना की हार को गले में पहन कर गांव में सारे औरत को दिखाया । गांव की सारे औरत पूजा की सोना का हार देख कर पूजा की ऊपर जलन होने लगे । पूजा बहुत ही खुस था ।

यहां रमेश मिट्टी के घर पर रहता है पैसा होने की बाद भी क्यों की लोगों किसका खुशी सह नहीं पाते हैं इसलिए लेकिन यहां पूजा सोना की हार पहन कर लोगों को दिखा रहा है ।

पूजा : ये सोना कितना का है
रमेश : 1 लाख की है
पूजा : क्या इतना पैसा है
रमेश : गाय लाने के लिए जो पैसा रखा था वोही पैसा है, अब गाय कहां से लाऊंगा, और जितने पैसा है वो तो घर बनाने के लिए रखा हूं
पूजा : इतना परेशानी क्यों हो रहे हो
रमेश : तो क्या करू तुम बताओ, सोच रहा था और दो गाय लाऊंगा तो और भी अच्छा पैसा होगा हमारे पास लेकिन नही तुम तो चाहते थे तुमको सोना की हार चाहिए
पूजा : इतना क्यों सोच रहे हो, तुम जो दूध हर दिन बेच रहे हो उस दूध में पानी मिला दो और ज्यादा दूध होगा और हमको गाय भी खरीदना नही पड़ेगा । गाय खरीदना नही पड़ेगा और दूध भी ज्यादा होगा और पैसा भी ज्यादा मिलेगा
रमेश : तुम सही बोल रहे हो, में तो दूध में कभी पानी नही मिलाता हूं और ये दोनो गाय केलिए मुझे कितना मेहनत करना पड़ता है, फिर और दो गाय लाऊंगा तो और भी मुझे मेहनत करना पड़ेगा
पूजा : वोही तो बता रहा हूं, तुमको मेहनत नही करना पड़ेगा हमको पहले से ज्यादा पैसा मिलेगा

ये बात सुन कर रमेश खुस होगया, तब से रमेश दूध में पानी मिलाकर दूध को बेचने लगा । पहले से रमेश की मेहनत भी कम होने लगा । एक महीने पानी मिलाकर रमेश दूध बेचा और रमेश को बहुत अच्छा खासी रोजगार भी हुआ । रमेश इसमे बहुत ही खुस था, रमेश और पहले जैसे नही रहा । जो रमेश सुभा से रात तक मेहनत करता था वो मेहनत नही करा और वो पैसा का लालची हो गया था । एक महीने की बाद रमेश की दूध को शहर में क्या गांव में भी कोई नही खरीदा । धीरे धीरे सभी लोगों को पता चला गया को रमेश अब दूध में पानी मिलाता है । इसलिए रमेश से कोई भी दूध नही खरीदे ।

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रमेश उदास होगया और दुखी भी क्यों की उसका दूध को कोई नही लेता था । यहां गाय की सेवा भी रमेश पहले जैसा नही करता था । एक दिन अचानक रमेश की दोनो गाय की मृत्यु हो गया । ये देख कर रमेश रोने लगा । रमेश को एहसास हो गया है की ये सब उसकी लालच से हो रहा है ।

रमेश उसकी पत्नी पूजा को बहुत डांटा और खुद को कभी माफ भी नही किया । तब रमेश ने उसका दो गाय की अंतिम संस्कार करके उसके पास जितने पैसा था वो पैसा से और दो गाय खरीद लाया । दो गाय ला कर रमेश फिर पहले जैसा अपनी मेहनत पर बिस्वास किया । पहले जैसा रमेश फिर मेहनत किया और पहले जैसा दूध भी लोगों को बेचा । लोगों फिर रमेश की दूध को खरीदे क्यों की रमेश पहले जैसा दूध दे रहा था बिना पानी मिलाकर । तब से रमेश कर्म पे बिस्वास रखा ।

यहां सीखने केलिए मिला की कभी लालच मत करना है । लालच बहुत बड़ा शत्रु है, लालच तुमको कहां से कहां ले कर चला जायेगा । इसलिए कर्म करिए जितना मिलता है उसमे खुश रहिए और भगवान चाहेंगे तो धीरे धीरे तुम और भी आगे जाओगे । लेकिन कभी लालच नही करना है ।

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धन्यवाद ।।।।।।।

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Hindi Kahaniyan सभी को पढ़ने के लिए अच्छा लगता है और सुने में भी । Hindi Kahaniyan में बहुत कुछ सीखने में भी मिलता है । Hindi Kahaniyan के जरिए कुछ लोगों परिवर्तन भी हो जाते हैं । Hindi Kahaniyan सिर्फ मनोरंजन के लिए नही बल्कि दुनिया को सिक्षा देने के लिए होता है । Hindi Kahaniyan छोटे बचे को हसाता है मनोरंजन भी कराता है । Hindi Kahaniyan सुने के लिए सभी के मन में आशा होता है । मेरी इस Hindi Kahaniyan कैसे लगा कॉमेंट में बताना और शेयर करने मत भूल जाना ।

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