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Hindi Kahaniyan 05 : सोने की मछली – Sone ki Machhali

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Hindi Kahaniyan : नमस्ते दोस्तों मेरा नाम प्रणब । आप सभी को मेरे इस वेबसाइट्स पर स्वागत है । आशा करता हूं मेरी तरह आप भी अच्छे और स्वास्थ्य होंगे । मुझे मालूम है आपको मेरी वेबसाइट्स पर Hindi Kahaniyan सीरीज अच्छा लग रहा है । मेरी Hindi Kahaniyan सीरीज आपको अच्छा लग रहा है इसलिए आपको आदत हो गई है मेरी Hindi Kahaniyan सीरीज पढ़ने के लिए । मेरी Hindi Kahaniyan सीरीज को इतना सारा प्यार देने के लिए आप सभी को दिल से शुक्रिया अदा करता हूं । जो भी नया आया है मेरी वेबसाइट्स पर उनको बता दूं की मेरी इस वेबसाइट्स पर आपको पसंद आने वाली हर तरह को आर्टिकल मिलेगा । और आप चाहते हो की आपकी मन मुताकिब आर्टिकल चाहिए तो कमेंट बॉक्स खाली है वहां बता सकते हैं और में कोशिश करूंगा उसको पूरा करने के लिए ।

आज में Hindi Kahaniyan सीरीज ऐसी कहानी लाया हूं, जिसे सुने की बाद आपको मजा आ ही जायेगा और कुछ सिक्षा मिलेगा । आज की मेरी इस Hindi Kahaniyan सीरीज में कहानी का नाम है “सोने की मछली” । आपको रहा नही जाता होगा मेरी इस Hindi Kahaniyan को पढ़ने के लिए । तो देर किस बात की चलिए आज मेरी Hindi Kahaniyan सीरीज में एक नया और अनोखी कहानी पढ़ते हैं ।

Hindi Kahaniyan : सोने की मछली

साम बहुत ही निराशा और दुखी था । साम को 4 दिन हो गया साम की जाल में कुछ नही पड रहा है । साम बहुत ही गरीब आदमी है । साम की पास कुछ रोजगार नही था । साम हर दिन मछली पकड़के उसको बाजार में बेच कर जो पैसा होता था उसमे रात को घर के लिए समान लेके आ रहा था । लेकिन 4 दिन हो गया है साम की जाल में कुछ नही पड रहा है । साम आज भी हताश हो कर घर को वापस आया ।

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साम घर पे पहुंच कर देखा तो उसका पत्नी राधा उसका इंतजार किया है । राधा खुशी से बोला क्या आज मछली बेच कर समान लाया है की नही । साम उदास हो कर बोला नही राधा आज भी कुछ मछली नही आए मेरी जाल में । ये बात सुन कर राधा गुस्सा हो गाय । राधा गुस्से से साम को बोला ठीक है में मेरी मायके जा रहा हूं, यहां क्यों रहूंगा किस बात के लिए रहूंगा, यहां तो खाने के लिए भी पैसा नही है । साम जितना भी समझने कोशिश किया राधा को लेकिन राधा साम की बात को नही सुना ।

राधा उसकी मायके घर जाने के लिए तैयार हो गया । तब साम ने बोला आज रुक जाओ कल में जरूर कुछ ना कुछ करके घर को समान लाऊंगा । राधा बोला ठीक है कल कुछ सामान नही लाए तो में हमेशा के लिए मेरी मायके चले जाऊंगी । साम और भी चिंता में पड गया । साम और राधा पानी पी कर रात में सो गए । साम रात में सोच रहा था कल कैसे पैसा कहां से लाऊंगा मछली तो जाल में नही आ रहे हैं । सोच सोच कर साम को नींद आ गया और साम सो ही गया ।

सुभा जब राधा उठा तो वो देखा साम घर पर नही था । राधा सोचा शायद ये मछली पकड़ने गए हैं । साम सुभा सुभा जाल के कर मछली पकड़ने चला गया था । साम सोचा गांव की पास तलाब में तो मछली नही पड रहे हैं, आज समंदर को जाता हूं मछली पकड़ने के लिए । साम जाल को ले कर चला गया समंदर के तरह ।

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समंदर के पास पहुंच कर साम भगवान को प्रार्थना करके समंदर में जाल को फेका । जाल फेक कर साम कुछ समय इंतजार किया, साम को लगा जाल में बड़ा मछली पडा है सैयद । साम खुस हो गया और भगवान को धन्यवाद दिया । तब साम खुशी से जाल को समंदर से बाहर निकाला । साम जाल को बाहर निकाल कर देखा तो जाल में एक मछली पडा है । वो मछली ऐसे तैसे मछली नही था । वो मछली देखने में सोने की कलर था और बहुत खूबसूरत लग रहा था ।

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वो सोने की मछली को देख कर साम आश्चर्य हो गया । साम जब वो मछली को जाल से बाहर निकाला तब वो मछली ने बोला मुझे छोड़ दो । साम अचानक डर गया मछली से आवाज सुन कर । साम वो मछली के पास से दूर चला गया । वो मछली बोला में बोलने बाला मछली हूं । ये बात सुन कर साम और भी आश्चर्य हो गया । साम बोला में पहली बार देख रहा हूं किसी मछली इंसान की तरह बात कर रहा है ।

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वो मछली बोला में बात कर सकता हूं और भी कुछ कर सकता हूं । साम हस कर बोला अच्छा तुम जादू वाली मछली हो क्या । वो मछली बोला नही में एक राजा हूं और में एक अभिशाप से मछली हो गई हूं । ये बात सुन कर साम को कुछ समझ में नहीं आया । तब वो मछली बोला मुझे छोड़ दो तुम जो मांगोगे में वो दूंगा । साम हस कर बोला क्या में पागल लग रहा हूं ।

साम हस कर फिर वो मछली को बोला चलो ठीक है इतना कहते हो तो मांग लेता हूं और देख भी लेता हूं क्या मिलता है । साम तब वो मछली को मांगा मुझे कुछ पैसा चाहिए । तब अचानक साम की पास पैसा चला आया । पैसा को देख कर साम एकदम चकित हो गया । साम वो मछली को यकीन करने लगा ।

वो सोने की मछली साम को बोला मुझे इस समंदर में छोड़ दो मुझे जो मांगोगे में वो चीज दूंगा । साम भी खुस हो गया अब । साम को लगा जो भी हो मुझे तो पैसा मिल गया है ना, अब में घर के लिए समान ले जाऊंगा । साम वो मछली को बोला में तुमको पानी के अंदर छोड़ दूंगा तो तुम चले जाओगे फिर तुमको कैसे मांगूंगा । को मछली बोला तुम जब चाहो यहां आ जाना और जोर जोर से आवाज देना सोने की मछली बाहर आ जाओ और में आ जाऊंगा ।

साम बोला तो ठीक है में तुमको पानी की अंदर छोड़ देता हूं और जब आवाज दूंगा तब बाहर आ जाना । तब मछली को पानी में छोड़ कर साम बाजार चला गया । बाजार से समान ले कर साम घर को वापस आया । आज साम की हाथों में राधा सामान देख कर खुस हो गया । साम से सामान ले कर राधा तुरंत खाना बनाया । खाने की बाद राधा ने साम को पूछा आज कैसे पैसा मिल गया ।

साम हस कर राधा को सारी बातें बोला । राधा ये बात सुन कर खुस भी हो गया । राधा ने साम को बोला तुम कल फिर जा कर वो मछली को बोलना मेरे लिए कुछ सोने देना । साम अगले दिन वो समंदर को पास गया और आवाज दिया सोने की मछली बाहर आ जाओ ।

आवाज सुन कर वो सोने की मछली बाहर आ गया । तब साम ने सोने की मछली को उसकी पत्नी के लिए कुछ सोने मांगा । सोने ले कर साम घर वापस आ गया । ऐसे हर दिन साम समंदर की पास जा कर वो सोने की मछली से कुछ ना कुछ मांग रहा था । एक दिन वो सोने की मछली सोचा ऐसे में वो आदमी को सब दे दूंगा तो वो मेहनत करना छोड़ देगा ।

यहां साम अमीर बन गया था और घर, गाड़ी सब खरीद लिया था । साम की पत्नी अब बहुत ही खुस है । एक दिन साम फिर गया समंदर की पास मछली को कुछ पैसा मांगने के लिए । मछली को कुछ पैसा मांगा साम ने । वो मछली बोला में तुमको बहुत कुछ दे दिया हूं और अभी तुम मुझे कुछ देना है । ये बात सुन कर साम को कुछ समझ में नहीं आया ।

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तब साम ने वो मछली को बोला ठीक है क्या मांगना है मुझसे मांगो । मछली हस कर बोला में तुमको आज तक 200 बार पैसा, सोने सब दिया हूं, लेकिन अब तुमको मुझे मुक्त करना है । साम सोचा इस मछली को मुक्त कर दूंगा तो फिर किसीको पैसा मांगूंगा । साम को अभी बहुत लालच हो गया था । साम अब मेहनत क्या भूल गया है । साम वो मछली को बोला नहीं में तुमको मुक्त कैसे करूंगा । मछली बोला मुझे 199 बार जो मांगना था मांग लेते थे लेकिन तुम 200 बार मांग लिया है । 199 से ज्यादा मांगने से तुमको जो मिला है वो सब चला जायेगा ।

ये बात सुन कर साम चकित हो गया । मछली बोला तुमको एक काम करना है में जो बोलूंगा । साम बोला नही में तुमको मुक्त नही करूंगा । मछली बोला ठीक है मुक्त नही करोगे तो तुमको जो मिला है वो चला जायेगा, मुझे मुक्त कर दो कुछ चला नही जायेगा में जो बोलूंगा वो करने से तुम्हारा कुछ नही चला जायेगा ।

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साम बोला ठीक है क्या बोलो क्या करना है । वो सोने की माछी बोला मेरी सिर के ऊपर एक लाल कलर की बटम है उसको दबा दो में मुक्त हो जाऊंगा और तुम्हारा कुछ नही जायेगा । साम बोला इतना काम करना था तो तुम मुझे पहले क्यों नहीं बताया । मछली बोला ये एक अभिशाप था की में किसको 200 बार मदद करूंगा इसके बाद वो मेरी इस बटम को दबाएगा तो में मुक्त हो जाऊंगा । साम तब वो सोने की मछली की बटम को दबा दिया ।

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वो सोने की मछली मुक्त हो गया । साम बोला तुम तो मुक्त हो गए अब मुझे जो मिला था नही नही चला जायेगा तो । वो मुक्त हुआ राजा ने बोला तुमको जितना मिला था तुम चाहते तो उसी पैसा से और कुछ व्यापार कर सकते थे लेकिन तुम मेहनत को छोड़ कर सिर्फ मांगा हुआ पैसा से आनंद लिया । वो मुक्त मछली और बोला की में एक राजा हूं और मेरी विचार लोगों की अच्छे के लिए होता है और तुम लालची हो गई हो इसलिए तुम्हारे पास से वो सारे पैसा, घर,गाड़ी आदि सब चला जायेगा । और तुम अब मेहनत करोगे ।

साम रो कर बोला मुझे माफ कर देना । में पैसा की लालच में अंधा हो गया था, अब से मेहनत करके खाऊंगा । वो राजा ने बोला मेहनत करोगे तो तुम्हारा पैसा, घर,गाड़ी आदि कुछ नही जायेगा ।

मेरी इस Hindi Kahaniyan आप सभी को कैसे लगा दोस्तों । लालच अच्छा चीज नही होता है । लालच की कारण लोगों के पास से सब चला जाता है उनके पास जितना होता है । इसलिए कह जाता है की लालच करना बुरी आदत है । में इस Hindi Kahaniyan में लालच की सीक्षा देने केलिए प्रयास किया हूं । आपको मेरी इस Hindi Kahaniyan अच्छा लगता है तो शेयर करना मत भूलना । आपकी कॉमेंट से हमको प्रेरणा मिलता है । कॉमेंट करने के लिए मत भूल जाना दोस्तों । इस Hindi Kahaniyan सीरीज में क्या कमी हैं उसको भी बता सकते हो कॉमेंट बॉक्स में । मेरी इस Hindi Kahaniyan सीरीज और भी बेहतरीन करने के लिए कोशिश करूंगा । Hindi Kahaniyan लिखने में मुझे जितनी मजा आता है उतनी मजा आपकी कॉमेंट पढ़ने में आता है । Hindi Kahaniyan कैसे लगा और क्या कमी रहा बगेरा बगेरा जाने में मुझे अच्छा लगता है । और में Hindi Kahaniyan को और भी अच्छा करूंगा । तो ठीक है दोस्तों आज Hindi Kahaniyan को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद ।

धन्यवाद ।।।।

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