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( Hindi Stories 23 ) Ek Fighter Ladki Ki Kahani : ईमानदार होना क्या गलती है ? एक फाइटर लड़की की कहानी

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी को फिर एक बार स्वागत करता हूं मेरे इस Hindi Stories के ऊपर । आज की Hindi Stories काल्पनिक तो है लेकिन आपको लगेगा ये Hindi Stories वास्तविकता है । मुझे पता है आपको मेरी Hindi Stories अच्छा लगता है, इसलिए में मेरी सारी मेहनत लगा देता हूं आपके लिए Hindi Stories लिखने में । मुझे कोई ऐतराज नहीं है बल्कि मुझे खुशी है कि मेरी Hindi Stories को आप सब इतना सारा प्यार करते हो ।

आज की Hindi Stories एक ऐसे लड़की के ऊपर बना है जो लड़ना जानता है । आशा करता हूं आज की Hindi Stories आपको अच्छा लगेगा । तो चलिए दोस्तों देर किस बात की आज की Hindi Stories को पढ़ते हैं ।

Hindi Stories : Ek Fighter Ladki Ki Kahani

शिवानी नाम की एक औरत गोरखपुर नाम की एक गांव में S.I Police की पोस्ट में थी । शिवानी बहुत ही ईमानदार और साहसी ऑफिसर थी । शिवानी उसकी पति और एक बचे की साथ सरकारी क्वार्टर में रहती थी । शिवानी की पति जो है उनका नाम राहुल है । राहुल एक डॉक्टर है और राहुल भी गोरखपुर गांव की सरकारी हॉस्पिटल में नौकरी पे थी । दोनों पति और पत्नी उनकी बचे के साथ खुस रहते थे । राहुल भी इमानदार था शिवानी की जैसा । दोनो की घर गोरखपुर गांव से २०० k.m एक सेहर में है । ऐसे शिवानी और राहुल उनकी छोटा सा परिवार के साथ खुस और स्वस्थ रहते थे ।

जनवरी के महीने इलेक्शन समय था । गोरखपुर ब्लॉक की MLA थे Mr. भानुप्रताप । इलेक्शन समय चल रहा था, MLA Mr. भानुप्रताप अगले इलेक्शन की vote के सिलसिले में गोरखपुर गांव को आए थे । MLA Mr. भानुप्रताप के साथ उनका बेटा समर्थ भी आया था गोरखपुर । गोरखपुर की गांव जंगल और पहाड़ के अंदर था । S.I शिवानी भी MLA Mr. भामुप्रताप को प्रोटेक्ट देने के लिए उनके पास पास रहती थी । तब अचानक खबर आया की MLA Mr. भानुप्रताप की बेटा समर्थ को कुछ माओवादी ने उठा लिया है गोरखपुर गांव से ।

बेटा की अपहरण से MLA Mr. भानुप्रताप बहुत ही क्रोधित हो गए थे S.I शिवानी के ऊपर । इतने सारे पुलिस के बीच से समर्थ को अपहरण किया गया लेकिन पुलिस कुछ नही कर पाया । ये सारी बात MLA ने शिवानी को बोल रहे थे । शिवानी ने MLA को बोला Sir में आपको वादा देता हूं समर्थ को में ले कर आयूंगा । तब एक चिट्ठी आता है MLA के पास । MLA की P.A ने वो चिट्ठी पढ़ कर सभियों को सुनाया । शिवानी और MLA और पास में जितने पुलिस थे उनको ।

चिट्ठी में लिखा था की हमारे माओवादी के नेता जोगेश को जेल से निकले नही तो MLA का बेटा समर्थ इस दुनिया में नहीं रहेगा । ये बात सुन कर MLA डर गया । तब MLA ने उसकी P.A को बोला जल्दी ही होम मिनिस्टर को बोल माओवादी के नेता जोगेश को छोड़ने के लिए जेल से । तब शिवानी गुस्सा हो कर बोला sir ये आप क्या बोल रहे हो । जोगेश को पुलिस ने कितने मेहनत से १० साल के बाद पकड़ा है और आप बोल रहे हो उसको छोड़ने के लिए जेल से । माओवादी के नेता जोगेश को शिवानी ने ही गिरफ किया था ।

तब MLA और गुस्सा हो कर बोला S.I तुम चुप रहो ये मेरा पर्सनल मैटर है और में किसीको छोडूंगा और किसीको रखूंगा ये सिर्फ में फैसल कर सकता हूं । तुम मामूली S.I हो कर मेरी मुंह पे जवाब दे रहे हो । ये बात शिवानी को बहुत बुरा लगा । तब MLA ने उसकी गाड़ी से उसकी घर चला गया । घर पहुंच कर MLA ने होम मिनिस्टर से बात चीत किया और माओवादी के नेता जोगेश जेल से खुलासा करने के लिए होम मिनिस्टर ने आदेश भी दे दिया ।

शिवानी घर को रात में आया । शिवानी को इतना टेंशन में देख कर राहुल ने शिवानी को बोला । तुमको पहली बार इतना टेंशन में देख रही हूं, क्या हुआ है बताओ । शिवानी ने सारी सच बात राहुल को बोला । राहुल बोला इसमे हम क्या कर सकते हैं, उनके हाथ में कानून है वो जो चाहेंगे वो करेंगे । शिवानी बोला ऐसे में नही होने दूंगा, समर्थ को माओवादी से ले कर आयूंगा और जोगेश को जेल से बाहर नहीं आने दूंगा । राहुल बोला ठीक है तुम्हारे ऊपर मेरा संपूर्ण उम्मीद है तुम मेरी साहसी पत्नी जो हो, लेकिन शिवानी थोड़ा संभल के सोच कर जो करना । राहुल ने बोला ये याद रखना हमारा एक बचा है उसकी भाबिस्यत की बारे में ।

अगले दिन डिक्लेयर हो गया था की जोगेश को जेल से बाहर आना जायेगा और समर्थ को माओवादी के बीच से लाना जायेगा । शिवानी को जिमेदारी दिया गया था की वो जोगेश को ले कर जंगल के अंदर जायेगा और समर्थ को ले कर आयेगा । हायर ऑर्डर के मुताबिक शिवानी ने जोगेश को जंगल के अंदर ले कर गया । जोगेश के मुंह काला कपड़ा से बंद था । शिवानी एकला जायेगा ए बात हुआ था । शिवानी भी एकला गया जोगेश को ले कर जंगल के अंदर । शिवानी जोगेश को ले कर पहुंच गया माओवादी के इलाके में । शिवानी के सामने समर्थ था और शिवानी की हाथ में जोगेश था ।

पहले शिवानी ने जोगेश को भेजा माओवादी के पास, तब माओवादी ने समर्थ को भेजा शिवानी के पास । जोगेश के मुंह पे कपड़ा था इसलिए वो धीरे धीरे जा रहा था । लेकिन समर्थ जोर से चल कर शिवानी के पास आ गया । जब समर्थ शिवानी के पास पहुंच गया तब जोगेश ने मुंह से कपड़ा निकाला । माओवादी ने जो देखा वो हैरान हो गए । वो जोगेश नही था और कोई था । शिवानी जिसको जोगेश बना कर लाया था वो एक पुलिस ऑफिसर था । वो पुलिस ऑफिसर ने अचानक बंदूक से माओवादी के ऊपर बंदूक चलाने लगा । तब शिवानी ने समर्थ को ले कर वहां से भाग गया ।

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माओवादी ने वो पुलिस ऑफिसर को मार दिए जो जोगेश हो कर आया था । यहां शिवानी और समर्थ के पीछे माओवादी ने पड़े हैं । शिवानी ने समर्थ को जंगल के बाहर छोड़ कर वो खुद जंगल के अंदर चला गया । शिवानी को मालूम नही था वो पुलिस ऑफिसर की मौत हो गया है, इसलिए शिवानी जा रहा था वो पुलिस ऑफिसर को बचाने के लिए । अचानक जंगल के अंदर में शिवानी को माओवादी ने पकड़ लिया । शिवानी ज्यादा साहसी और हुसियार समझ रहा था इसलिए माओवादी के और एक नेता के अनुमति से शिवानी वहां जंगल में एक की बाद एक बलात्कार करने लग गए ।

शिवानी कुछ बोल भी नहीं पा रहा था और कुछ कर भी नहीं सकता था । शिवानी अंदर के अंदर सिर्फ रो रहा था । शिवानी की याद आ रहा उसकी बचा जो अभी ७ साल का है ।

अगले दिन समर्थ उसकी घर पहुंच गया । MLA को पता चला कि जोगेश अभी भी पुलिस की हिरासत में है । ये सारी प्लानिंग S.I शिवानी की था । जब जोगेश को सेंट्रल जेल से शिवानी के पास आया था तब शिवानी ने जोगेश को गोरखपुर पुलिस स्टेशन में रख लिया था और एक पुलिस ऑफिसर को जोगेश बना कर जंगल में लिया था । ये बात सुन कर MLA और होम मिनिस्टर खुस होने लग गए । MLA ने बोला जो भी हो जोगेश हमारे कब्जे में है और समर्थ भी सही सलामत से घर पहुंच गया ।

शिवानी और वो पुलिस ऑफिसर की कोई खबर नहीं मिल रहा था । तब राहुल ने MLA के घर पहुंचा । राहुल बोला sir शिवानी कल से घर नही आया है । MLA बोला टेंशन मत लो वो आ जायेगा । तब एक चिट्ठी आता है MLA की पास । वो चिट्ठी में जो लिखा था वो सुन कर राहुल की दिमाग काम करना बंद हो गया । चिट्ठी में लिखा था की MLA साब आपने बहुत बड़ी चालाकी कर दी और आपकी चालाकी कारण यहां आपकी होनहार S.I शिवानी हमारे कब्जे में है । और शिवानी बहुत हुसियर समझ रहा था इसलिए उसको उसकी गलती की सज्जा हम दे दिए है बलात्कार के रूप में ।

ये बात सुन कर राहुल क्या करेगा सोच नही पा रहा था । चिट्ठी में और लिखा था की जब तक हमारे नेता जोगेश को जेल से बाहर नहीं आने देंगे तब तक हर दिन S.I शिवानी की शरीर को हम सब उपभोग करेंगे । राहुल रो कर MLA को बोला Sir आप जल्दी ही जोगेश को बाहर निकाल दीजिए और शिवानी को वापस आने दीजिए । MLA ने बोला ये कैसे हो सकता है इतना बड़ा माओवादी के नेता को हम कैसे जेल से बाहर निकल देंगे । राहुल गुस्से में बोला ओह अच्छा अब इतना बड़ा माओवादी के नेता को कैसे बाहर निकल देंगे । जब आपकी बेटा के लिए जोगेश को जेल से बाहर आने के लिए परमिशन लाए थे तब कहां गया था आपकी ईमानदारी । MLA राहुल को वहां से निकल दिया ।

राहुल भी क्या कर सकता है । राहुल होम मिनिस्टर को भेटने के लिए ऑफिस गया । लेकिन वहां पर भी राहुल के निकल दिया गया । राहुल सब कुछ कोशिश किया लेकिन कुछ कर नही पा रहा था । राहुल उसकी बेटा को ले कर सहर चला आया । राहुल डॉक्टर की नौकरी ने रिजाइन दे दिया था । राहुल सहर आ कर शिवानी को माओवादी से बाहर लाने के लिए बहुत कोशिश किया । कभी ये मिनिस्टर पास जा तो कभी वो मिनिस्टर की पास जा । ऐसे यहां वहां जा कर राहुल थक चुका था ।

वहां शिवानी एकदम कमजोर हो गया था । रोज रोज कोई ना कोई उसके साथ शारीरिक संपर्क रख रहा था । एक दिन राहुल ने उसकी बेटा को उसकी पिता माता के पास छोड़ कर चला आया गोरखपुर गांव ।

गोरखपुर आ कर राहुल ने सब कुछ कोशिश कर रहा था MLA को अपहरण करने के लिए । एक दिन राहुल होलिया बदलकर MLA को उसकी घर से निसा दे कर MLA को अपहरण कर लिया । MLA को ले कर राहुल पहुंच गया वो जंगल जहां शिवानी है । शिवानी को ढूंढ ढूंढ कर राहुल पहुंच गया शिवानी के पास । माओवादी अचानक राहुल को देख कर आश्चर्य हो गए । राहुल बोला देखिए में आपको कुछ नही करने आया हूं । राहुल के साथ MLA को देख कर माओवादी घबरा गए । राहुल बोला MLA को निसा दिया हूं अभी होश आ जायेगा ।

MLA की होश आया तो MLA देखा वो तो माओवादी की इलाके में है । राहुल बोला माओवादी की और एक नेता को देखिए शिवानी को यहां कब तक रखोगे । शिवानी को रख कर आपको कुछ नही मिलेगा, इतने महीने शिवानी को रखा है लेकिन आपको क्या आपकी नेता जोगेश मिल गया । माओवादी के नेता बोला नही । राहुल बोला शिवानी की रख कर तुमको कुछ नही मिलेगा शिवानी चिंता प्रशासन को नहीं है, शिवानी के जैसा कितने पुलिस हैं शिवानी के लिए उनको क्यों परिशानिया होगा ।

राहुल फिर बोला रखना है तो ये MLA को रख लो इसके रखने से आपको आपकी नेता जोगेश मिल जायेगा । राहुल की बात सुन कर माओवादी की और एक नेता सोचा ये तो सही बात है, शिवानी को रखने से क्या होगा । तब माओवादी ने MLA को बंदी कर लिया ।

राहुल शिवानी को देख कर खुशी से रोने लगा और शिवानी की आंख से जो आशु आ रहा था वो बयान नही सकता हूं । शिवानी को माओवादी ने निकल दिया और राहुल के साथ जाने के लिए बोला । राहुल और शिवानी वहां से चले आए । राहुल शिवानी और उसका बेटा को ले कर विदेश चला गया ।

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दोस्तों कैसे लगा मेरा इस Hindi Stories comment में बता देना । मेरी इस Hindi Stories अच्छा लगता है तो शेयर करना मत भूल जाना । आपके लिए और भी बेहतरीन Hindi Stories ले कर आएंगी तब तक बाई । जय जगन्नाथ ।।।।।।।।।।।।।

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